Programming C का परिचय , Notes in hindi

C एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसका आविष्कार डेनिस रिची ने 1972 में AT एंड T BELL लैब्स में किया था। यह एक स्ट्रक्चर्ड ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।

Language Year Developed by
ALGOL 1960 Intrnational Group
BCPL 1967 Martin Richard
B 1970 Ken Thompson
Traditional C 1972 Dennis Ritchie
K & RC 1978 Kenigham & DR
ANSI C 1989 Ansi Comittee
ANSI ISO C 1989 ISO Comittee
C99 1999 STD. Comittee


C Language की विशेषताएं -

1. Portability 

सी लैंग्वेज में लिखे गए प्रोग्राम्स काफी पोर्टेबल होते हैं मतलब सी लैंग्वेज में लिखे गए प्रोग्राम्स को थोड़े से बदलाव या बिना किसी बदलाव के अलग अलग मशीन या PC में बड़े आसानी से चलाया जा सकता है | कम्पाइलर और Preprocessor इसे अलग – अलग PC में चलने में संभव बनाते है।

2. Powerful Programming Language

सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज काफी Fast और Efficient प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है क्योकि इसमें Data Types, Function और Control Statements का उपयोग किया गया हैं।

3. Simple Programming Language

सी लैंग्वेज में इंग्लिश जैसे कमांड्स होते है जिससे प्रोग्रामर को Code लिखने और समझने में काफी आसानी होती है |

4. Structured Oriented Language

C Language स्ट्रक्चर्ड ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है | Structured Oriented प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कोड की जटिलता (Complexity) कम कर देता है जिससे Programs में काफी स्पष्टता (Clarity) होती है |

5. Compiler Based

सी लैंग्वेज Compiler Based प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है | इसका मतलब C Language के प्रोग्राम्स को बिना Compile किये Execute या run नहीं किया जा सकता |

6. Syntax Based Language

सी लैंग्वेज Syntax Based प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है | Syntax Based प्रोग्रामिंग लैंग्वेज वो लैंग्वेज होता है जो Rules और Regulation को बड़ी कठोरता से मानता हैं | C Language, C++ Language, Java Language आदि Syntax Based प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है |
अगर कोई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज Rules और Regulation को कठोरता से नहीं मानता तो, ऐसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को शिथिल Syntax based प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते हैं जैसे – HTML |  

7. Efficient Use of Pointers

पॉइंटर एक Variable होता हैं जो दूसरे वेरिएबल के एड्रेस को पॉइंट या होल्ड करता है | Pointer के उपयोग से प्रोग्राम्स की Performance काफी बढ़ जाता है क्योकि इसमें डायरेक्ट मेमोरी एड्रेस को एक्सेस किया जाता है |


8. Middle Level Language

सी लैंग्वेज एक Middle Level Programming Language है मतलब इसमें Low Level प्रोग्रामिंग भी की जा सकती है और High Level प्रोग्रामिंग भी की जा सकती है जिसके कारण C Language की मदद से Application Software और System Software दोनों ही बड़े आसानी से बनाये जा सकते हैं |

9. Case Sensitive

सी लैंग्वेज एक Case Sensitive प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हैं | ये C Language का एक खास फीचर्स है | Case Sensitive का मतलब अगर हम C लैंग्वेज में एक जगह ऐसे printf लिखें और दूसरी जगह PRINTF ऐसे लिखें तो C Language में दोनों का मतलब अलग अलग होता है |



10. Modularity

सी लैंग्वेज में हम अपने कोड को ब्लॉक्स में बांट सकते हैं जिससे कोड को read और write करना आसान हो जाता हैं ये एक सॉफ्टवेयर डिज़ाइन करने का Technique हैं जिसमे एक पुरे प्रोग्राम्स को कई सारे Function या ब्लॉक में बाट दिया जाता है |

👉👉👉 Flowchart in c.....👈👈👈

C Language के उपयोग -
  • एप्लीकेशन बनाने में।
  • ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने में।
  • इंटरप्रेटर बनाने में।
  • Database बनाने में।
  • Python बनाने में।
C programming language की सीमाएं -
  • Deebug करना मुश्किल है।
  • C कंपाइलर केवल त्रुटियों की पहचान कर सकते हैं, और Runtime error को संभालने में असमर्थ है।
  • यह Data type की जांच प्रदान नहीं करता है।
  • C कोई डेटा सुरक्षा प्रदान नहीं करता है।
  • इसमें प्रोग्राम लिखना काफी आसान है, पर समझना काफी कठिन है।
 

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